हिय ताप बढ़ै
हरिहौं कबहुँ हिय ताप बढ़ै
निहार मुख दर्पण माहिं बाँवरी कबहुँ भूमि गढै
कबहुँ उतरै मलिन हिय सौं जन्म जन्म कौ धूर
कबहुँ हिय नाम उपजै साँचो फिरै विषयन मद चूर
हरिहौं आपहुँ लेयो बचाय नाँहिं बाँवरी कोऊ ठौर
नयनन नीर कबहुँ बहाय बाँवरी भजै निताई गौर
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