काची हमारी डोरी

हरिहौं काची हमरी डोरी
कौन विध बांधे बाँवरी बलहीना सुनियो अरजा मोरी
तुम्हरी डोरी पाकी नाथा तुमहिं बाँधो आपहुँ पकरि
हमरो बल न कछु होय नाथा तुमहिं राखो जकरि
तुम्हरौ पकरन हमहुँ नाय भाजै कोटि खीँचे माया
हमरो दौर तुम्हरे चरणन हरि दीजौ चरणन छाया

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