Posts

Showing posts from April, 2017

तेरे बिना

तेरे बिना अश्कों की बरसातें हैं यहाँ दिल याद करता है बस तेरी बातें हैं यहाँ इक हूक सी उठती है दिल देती है जो चीर गम और दर्द की इस दिल से मुलाकातें हैं यहाँ तेरे बिना ...... जी लेंगे...

झूठो प्रेम

जो होतो प्रेम मेरो साँचो तुम बिन स्वास न निकसत मिलन चटपटी ऐसो होती ज्यूँ जल बिन मीन की दस झूठो सो नेह होय मेरो नाँहिं साँची प्रेम पिपासा जगत विषय अति भावै मोहे नाँहिं जगे ते...

स्वास स्वास

स्वास स्वास पियु पियु रटे दृग जल माँहिं पिया छव देखूँ क्षणहुँ ध्यान न हटे मूक होऊँ कछु मुख सों कहूँ ना स्वास से तोहे पुकारूँ अबहुँ आवै मेरो मनहर प्रियतम हिय सों नाम उचारूं ...

बिरह न दूंगी

ना सखी अपनों बिरह न दूँगी क्षण क्षण पीर बढ़े उर अंतर हंस हंस पीर सहूँगी बिरह दियो पिया प्यारे मोहे बिरह ताप जरूँगी क्षण क्षण तपे देह ऐसो मैं पिय पिय रटन करूँगी बिरह दियो पिया ...

रैन दिवस

रैन दिवस बरसत मोरे नैना पिय बिन कित जाऊँ सखी री, कौन सुने मेरो बैना बाँवरी बन मैं इत उत डोलूँ , क्षण को चैन परै ना हिय की पीर सो कैसो जाने , जो उर बाण प्रेम सहै ना बिरहन को हाय प्रा...

आवो मोहना

आवो मोहना दासी तेरी कबसों बाट निहारे तन मन प्राण विकल भये रोवत नयन हमारे कोऊ विध होय मिलन को बाँवरी करे विचारे और ठौर हम जानत नाँहिं पड़ी तिहारे द्वारे आस लगी तोसों नन्दनन्...

मोसों कपटी

मोसों कपटी कैसो जाने कैसो प्रेम की भाषा विषयन माँहिं रमण करे हिय विषयन की अभिलाषा युगल चरणन माँहिं नेह न उपज्यो नाँहिं मुख हरिनाम जगत में लौटत रहे तू बाँवरी जगत को दीजौ दा...

ढोंगीं को कबहुँ न अनुसरे

ढोंगीं को कबहुँ न अनुसरे कौन कहे युगल चरण चितवो आपहुँ न शरण परे छांड दीजौ ऐसो सँगत जो भव विष्ठा में लौटन करे हरि नाम की डोर ही राखियो जो भव सों पार करे हरि आपहुँ होय सहाय जो क्...

होऊँ कपटी

होऊँ कपटी विषय सुख कामी कौन घड़ी युगल ध्याये जगत में लौटत रहे हिय मेरो किस विध युगल को आस लगाये रसना जगत विष्टा ही पावै मुख सों कबहुँ हरिनाम न गाये दो चार आखर लिख दीजौ ऐसो झूठो ...

बहुत दिनन ते

बहुत दिनन ते ढोंग रचायो बहुत मैं भक्ति कीन्हीं साची बात हरि आपहुँ जानो मैं एकहुँ नाम ना लीन्हीं मान प्रतिष्ठा अति प्यारी लागे मोहे ऐसो मति होय बाँवरी तेरो झूठ तू ही जाने क...

सद्गुरु मेरा

सद्गुरु मेरा दीन दयाला मैं नित नित बलिहारी शरण में राख्यो हाथ पकरि मेरो कीजौ मेरी रखवारी नाव कीजौ भव पार मेरी हरिनाम से पार उतारी चरणन की रज सीस चढ़ाऊँ मैं दासी बनूँ तिहारी ...

जो सुख होय राधा नाम

जो सुख होय राधा नाम में सकल जगत में नाँहि बाँवरी बन ब्रज रज में लौटूँ मन बसे ब्रज माँहि राधा राधा नाम रटे ये जिव्हा राधा चरण ध्याऊँ ब्रज ठकुरानी मेरी किशोरी गुण सदा तेरे गाऊ...

राधा नाम मिश्री

राधा नाम मिसरी सों मीठो कैसो कोई रस पावै कुँवरी किशोरी कृपा करें तबहुँ राधा नाम कोई गावै दोऊ अक्षर का नाम होय राधा प्रेम रस सिंधु अपार राधा राधा नाम जपत ही होवै भव सों तेरौ उ...