गयो मोपे रँग दार
हाय गयो मोपै रँग डार
सजन रँग डार गयो
हाय परि गयो प्रेम की मार
सजन रँग डार गयो
बच बच सखी बहुत मैं निकरी
साँची कहूँ छिप छिप के निकरी
प्रेम गली आके धर लीन्हीं
बरसत रस की धार
सजन रँग डार गयो
अंगिया भिगोई भिगोयो लहँगा
लाई सखी मैं महंगा महंगा
हाय सखी मोरी एक सुनी न
दियो हालत मेरी बिगार
सजन रँग डार गयो
ऐसी मेरी चुनर रँग दीन्हीं
बाँवरी प्रेम बस कर लीन्हीं
पिय रँग रँगी फिरूँ बौराई
ऐसो कर दीन्हा सिंगार
सजन रँग डार गयो
Comments
Post a Comment