राधा प्यारी

राधा प्यारी मोहन टेरत तेरो नाम
राधा राधा मुरली माँहि गावत मोहन आठों याम
अतिहि प्यारी लागे मुरलिया राधा नाम जो गावै
क्षण भर दूर नाँहि राखे मोहन वेणु अधर लगावै
राधा राधा राधा नामरस सिन्धु कैसो वेणु समावै
कोटिन कोटि ब्रह्मांड को स्वामी नित तेरो नाम सुनावे

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