करत हो ऐसी बतियाँ

काहे करत हो ऐसी बतियाँ
और कोई देवी देव न जानू काहे भेजत हो पतियाँ
नाम तुम्हारा काहे भुलावो करूँ केलि कौ गान
पुनि पुनि काहे भटकावत बांवरी किस विध करे ध्यान
हा हा नाथा छुटवाओ सब विरथा भोग जंजाल
भजन नाम छुटवावे क्षण भर करो दूर तत्काल

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