राधारमण बिना कौन हमारा

राधारमण बिना कौन हमारा
भटके जन्म जन्म जग माँहिं मूल यही बीचार बीचारा
एक एक ठोकर जगति सौं लागि, हरि का नाम उचारा
राधारमण एक ही सांचौ जाना झूठा जगति पसारा
राधारमण राधारमण भज बाँवरी रमण ही सांचौ प्यारा
हरि गुरु ही मीठो लगै जगति में कड़वा सकल जग सारा

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून