रुनझुन घुँघरू
रुनझुन रुनझुन घुंघरू बाजत नाचत गौरा राय रे साथ नित्यानन्द प्रभु गदाधर मिलि हरि हरि गाय रे परम् प्रेम बांटत अयाचत सहज करुण सुभाय रे हरि हरि बोले नाचे नाचे गौर दुहुँ भुज उठाय रे भई प्रसन्न विरहणी बाँवरी देख देख हर्षाय रे पुलक पुलक हँसे लेत बलैयां प्रिया मृदु मुस्काय रे