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Showing posts from April, 2019

मेरी राधे

*मेरी राधे* *रँग रँगीली छैल छबीली गुण गरबीली मेरी राधे* *मधुर सुगन्धिनी आनन्द कन्दिनी नवल चन्दिनी मेरी राधे* *परम् पुनीता नित्य नवनीता प्रेमरस भीता मेरी राधे* *कृष्ण आकर्षिण...

श्रीजी पदावली मोरी राधिके स्वामिनी

*मोरी राधिका स्वामिनी* *अलबेली नागरी रँगरस सागरी निरतत रस पाग री मोरी राधिका स्वामिनी* *अद्भुत केलि विलास नवल रँग रास अलियन हिय हुलास मोरी राधिका स्वामिनी* *कन्चन सम कनक बेल...

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*रँग खेलत श्यामाश्याम* सखी री ! रँग खेलत श्यामाश्याम सखी री रँग खेलत... रँग महल के रँग रंगीले रँग रंगीले सखी रँग रंगीले रँग बरसत अविराम सखी री! रँग खेलत श्यामाश्याम पिय रँग दीन्...

गयो मोपे रँग दार

हाय गयो मोपै रँग डार सजन रँग डार गयो हाय परि गयो प्रेम की मार सजन रँग डार गयो बच बच सखी बहुत मैं निकरी साँची कहूँ छिप छिप के निकरी प्रेम गली आके धर लीन्हीं बरसत रस की धार सजन रँग ...

रँग खेलत श्यामाश्याम

*रँग खेलत श्यामाश्याम* सखी री ! रँग खेलत श्यामाश्याम रँग खेलत...... रँग रास की ऋतु सुहानी पिय प्यारी के हिय लुभानी रँग रंगीले दोऊ रँग भरै रहै भीजत आठों याम सखी री ...... रँग खेलत श्यामा...

सब भाँति अयोगा

हरिहौं हम सब भाँति अयोगा पतितन कौ सिरमौर होऊँ नाथा रमै विषयन भोगा कौन भाँति हरिनाम चित्त लागै छूटे भव कौ रोगा जन्मन जन्म गमाई बाँवरी नेकहुँ हिय न उपजै सोगा हिय कौ कपट छिपाव...

भोगन की गठरी

हरिहौं भोगन की होय गठरी स्वासा स्वास गमाई बाँवरी पतिता मूढ़ निपट री पतिता जन्म जन्म की बाँवरी पापन बोझा ढोवै समय गमाय दई स्वासा स्वासा मूढ़ा पाछै रोवै कौन भाँति दसा सुधरे मू...

प्रीति की रीति

हरिहौं प्रीति की रीति न जानी कान देय न सद्गुरु बाताँ करत सदा मनमानी मनमत सौं नाँहिं भक्ति उपजै सन्तन चरण बिसराम सन्त वचन हिय लेय बसाय देय मोल सब चाम सन्त चरण धूरि सीस धरै बि...

मेरी राधे

*मेरी राधे* *रँग रँगीली छैल छबीली गुण गरबीली मेरी राधे* *मधुर सुगन्धिनी आनन्द कन्दिनी नवल चन्दिनी मेरी राधे* *परम् पुनीता नित्य नवनीता प्रेमरस भीता मेरी राधे* *कृष्ण आकर्षिण...

गठरी

हरिहौं प्रीति की रीति न जानी कान देय न सद्गुरु बाताँ करत सदा मनमानी मनमत सौं नाँहिं भक्ति उपजै सन्तन चरण बिसराम सन्त वचन हिय लेय बसाय देय मोल सब चाम सन्त चरण धूरि सीस धरै बि...