साहिब मेरो हिय सों कपट न जावै जगत की विष्ठा अति प्रिय लागे भजन मोहे न भावै उर अंतर की मैल अति गाढ़ी बाहर ते ढोंग रचावै भजन विहीन रैन दिवा डोलूँ क्षण क्षण चित्त भरमावै आपहुँ हा...
दाग छुड़ाय दीजो चुनरिया सों जन्म जन्म की मैल होय हरिनाम सों घस घस धोवै इस जन्मा वृन्दावन की गैल होय जन्म जन्म ते मोरी चुनरी बिगड़ी रँग बदरंग होय गयो भारी कौन विधि मैं सजउँ सुह...
हे करुणासिन्धु ! हे दीनबन्धु ! हे पतितपावन ! सत्य हैं यह नाम आपके यह नाथ। अपने नाम के अनुरूप ही कृपा बरसाने वाले हो। इस मलिन हृदय से तुम्हारा कैसे भजन हो । हे पतितपावन !! आप ही पत...
कान्हा और मित्र मण्डली ~~~~~~~~~~~~~ एक बार कान्हा जू का प्यारा सखा मधुमंगल उनसे रुष्ट हो जाता है। उनसे कहता है कान्हा तुम सब सखाओं से प्रेम करते हो और उनको सब मिष्ठान खिला देते हो। मे...
सखी ही श्याम ~~~~~~~~~~ किशोरी जू बहुत व्याकुल हो रही हैं। श्यामसुन्दर बहुत विलम्ब कर दिए आने में। किशोरी जू को उनका विलम्ब असहनीय हो रहा है। वो एक सखी को बार बार कहती हैँ देखो श्याम...