दरस करावो
दरस करावो सखी पियप्यारी कौ कीजौ मोहे चरण पादुका
श्रीवृन्दावन धाम लेय जावो बाँवरी स्पर्श करै इस रज का
बीते बहुत काल सौं हमरे नयना युगल दरस कौ प्यासे
आसा कोऊ न दर्शन की सखी बाँवरी चित्त जगति रहे फांसे
हा हा प्यारे हा हा प्यारी कौन अपराध भयो अधम सौं
ऐसो कोऊ भाग जगे बाँवरी दरस पाऊँ श्रीवृन्दावन कौ
Comments
Post a Comment