भजन करै न नीच

हरिहौं होऊँ जल भरयौ कीच
उछल वसन करूँ मलिन ज्यों स्पर्श करो उलीच
होऊँ कालिख कोयला की कालिस देऊं रँग
हीरा छांड कौन मूर्ख करे कोयला कौ सँग
नाम भजन सेवा सौं हीना कहो कोयला कहो कीच
बाँवरी पतितन कौ सरदारी भजन करै न नीच

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