भज वृन्दावन धाम
*भज वृन्दावन धाम बाँवरी* भज वृन्दावन धाम बाँवरी भज वृन्दावन धाम छांड दे सब जगति की आसा युगल चरण विश्राम भज वृन्दावन धाम बाँवरी........ श्यामाश्याम जहाँ नित्य विराजित नित्य नवल श्रृंगार परम् मनोहर चिन्मय नगरी होय प्रेम कौ सकल पसार युगल चरण ही एक आधारा भजै चित्त निष्काम भज वृन्दावन धाम बाँवरी........... नाम रूप लीला गुण चिंतन श्रीवृन्दावन कौ वास महल टहलनी देय लाडली चित्त रहै यहि आस रज मस्तक धरै बाँवरी रसिकन सौं राखै काम भज वृन्दावन धाम बाँवरी ......... ध्यान रहै युगल सेवा सौंज ही ऐसा कब होय जीवन स्वास स्वास सन्चय करै बाँवरी वृन्दावन ही साँचो धन श्यामाश्याम सखी कौ खेला सेवा होय अविराम भज वृन्दावन धाम बाँवरी भज वृन्दावन धाम