अधूरा

जाने क्यों खुद का वजूद तलाशते हैं हम
मिट गए होते तो यह तलाश न होती

अब तो मिटा दो सब वजूद मेरा
या मेरी यह तलाश मुक्कमल करदो

कहाँ बस चलता है मेरा मुझको भुलाने में
तुम ही रहो तो खुद को भूल जाऊँ मैं

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