Posts

Showing posts from December, 2019

अपनो लगे रहन सौं काम

*अपनो लगे रहन सौं काम* अपनौ लगे रहन सों काम इतनी कृपा कीजौ लाड़िली दीजौ अपना नाम धन न सम्पद भुक्ति न मुक्ति दीजौ किशोरी कोई प्रेम की युक्ति और कहाँ मेरी ठौर लाड़िली तेरे चरण विश्राम सब रसिकन को ऐहै आहार सेवत युगल नित नित्य विहार कीजौ सन्तन रसिकन धूरि पाऊँ  श्रीवृन्दावन धाम अपनौ लगे रहन सौं काम वाणी सौं कछु और न गाऊँ श्यामा श्यामा रटन लगाऊँ चरणन सेवा मिले किशोरी सेवा सुख अविराम अपनो लगे रहन सौं काम यहि विनती करै बाँवरी दासी पावै श्रीयुगल महल ख़्वासी और न कछु सुहावै बाँवरी मुख सौं उच्चरै श्यामाश्याम अपनो लगे रहन सौं काम अपनौ लगे रहन सों काम इतनी कृपा कीजौ लाड़िली दीजौ अपना नाम

सुमिर मन बाँवरे

*सुमिर मन बाँवरे* सुमिर मन बाँवरे राधा नाम  गावो रसना सौं आठों याम राधा राधा नाम श्रीराधा नाम यहि नाम जपै मोहन मुरारी यहि नाम मुरली रहै उच्चारी मोहन के मन प्राण श्रीराधा नाम जपत होय पूर्ण काम सुमिर मन बाँवरे ........ वृन्दावन का कण कण गावै खग मृग तरु लता यहि भावै रसिकन के उर प्राण पुकारें राधा नाम इक श्रीराधा नाम सुमिर मन बाँवरे........ यहि नाम सकल प्रेम की पूँजी यहि नाम मदन मन की कूँजी यहि नाम परम् प्रेम कौ सार यहि नाम बसावै हिय धाम सुमिर मन बाँवरे राधा नाम  गावो रसना सौं आठों याम राधा राधा नाम श्रीराधा नाम

कबहुँ ऐसो होय भाग

हरिहौं कबहुँ होय ऐसो भाग श्रीवृन्दावन रटन बनै जिव्हा सौं होय युगल चरण अनुराग होय युगल चरण अनुराग मिलै युगल चरण ख़्वासी करौ कृपा हे रजरानी निर्धन पर भिक्षा याचत दासी रसिकन चरण रज नित शीश चढ़ाऊँ निरखै युगल माधुरी निर्धन कौ कबहुँ मिले परम् धन यहि मांगै दासी बाँवरी

वन्दौ श्रीहरिदास

वन्दौ श्रीहरिदास प्रकटायौ कुँज बिहारी रसिक अनन्य निजमहल वासी सखी युगल अँकधारी पोषे श्रीयुगल नित्यसेवा रास विलास अतिहि सुखकारी युगल प्रेम रसरीति दीन्हीं नव नवल विलास आनन्दकारी वन्दौ तिन चरण कमल जिन निधिवन युगल प्रेम प्रकास कियो श्रीहरिदास भज री बाँवरी जिन नित्य युगल विलास दियो