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Showing posts from August, 2019

नित्य नव उत्सव

नित्य नव उत्सव नित्य नव दूल्हु नित्य दुल्हिनी अलबेलि नित्य नवल मधुरिमा नित्य नवल रस केलि नित्य नव हिंडोरा नित्य नव नव झूम नित्य नवल झकोरे लेत युगल भुजमेलि नित्य नव तृषा न...

किस तरह दर्द

किस तरह दर्द तेरा देख पाएँगे हम तेरे अश्कों को अपनी आँखों से बहाएंगे हम वो बरसातें जो भरी हैं तेरी आँखों में कहीं उन्हीं बरसातों में भीग कर अब नहाएंगे हम किस तरह दर्द...... देकर म...

झूमकर आएं हैं

झूम कर आये हैं अब तेरे मयखाने में हम जाने क्यों सुलगने की तम्मना मुझमें बाक़ी है एक एक जाम ने दिया है कुछ सुरूर हमको थोड़ी पीकर बहकने की तम्मना मुझमें बाकी है यह तपिश इश्क़ की सच ...