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Showing posts from September, 2021

रसीली नागरी मधुरिमा

*रसीलीनागरी मधुरिमा* श्रीकृष्णस्वामिनी राधा ! राधा !! ललितभामिनी राधा ! राधा !! नित्यनवनागरी राधा ! राधा !! वल्लभारससागरी राधा ! राधा !! पीनपयोधरी राधा ! राधा !! कटिकृशोदरी राधा ! राधा !! नित्यरसरंगीली राधा ! राधा !! मृगीछैलछबीली राधा ! राधा !! रंजितपदभामा राधा ! राधा !! नित्यरससुधामा राधा ! राधा !! श्रीकृष्णहियराजिनी राधा ! राधा !! वामअंगसाजिनी राधा ! राधा !! तन्वीकोमलवपुषा राधा ! राधा !! कोककलाविदुशा राधा ! राधा !! नवनिकुंजाधीश्वरी राधा ! राधा !! नवगौरीरासेश्वरी राधा ! राधा !! प्रियतमअंशधरिणी राधा ! राधा !! सकलसुखकरणी राधा ! राधा !! प्रेमरसोन्मादिनी राधा ! राधा !! मृदुबोलनिनादिनी राधा ! राधा !! अमृतरसकोषिणी राधा ! राधा !! प्रियतमउरपोषिणी राधा ! राधा !! नित्यरासविलासिनी राधा ! राधा !! अतिमृदुलहासिनी राधा ! राधा !! मधुभृमरीसेविता राधा ! राधा !! नित्यभृमरपोषिता राधा ! राधा !! नित्यकुँजनिसुषमा राधा ! राधा !! अद्वितीयअनुपमा राधा ! राधा !! नवनिकुँजरसभरणी राधा !राधा !! मधुरेश्वरीमधुसरणी राधा !राधा !! नीलांबरीनवबाला राधा !राधा !! नित्यरसमधुशाला राधा ! राधा !! कर जोरि वन्दन करूँ नित नित करूँ ...

श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन

*श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नवल श्रृंगार नित्य नव उत्सव नव नव रस भरित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नव तरुणी नव तरूण नव केलि नव रसखेल मुदित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नित्य नव क्रीड़ा नव रस कौतुक नव रँग राग सरित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नित्य नव झूलन नवल हिंडोर नित्य पावस पुलकित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नित्य नव झूम नवल रस माधुरी नवल सौरभ सुरभित वृन्दावन*  *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नित्य नव सौंज नित्य नव केलि युगल हिय श्रीहित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नित्य नव नागरी नवल नागरी नित्य नवरास चकित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नित्य नव गान नवल नृत्य माधुरी नवल रसझूम उत्सवित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नित्य रस भरित नित्य...

श्रीवृन्दावन

श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन जो कोई नाम जपे वृन्दावन श्यामाश्याम प्रेम हिय उमगै पावै भैया साँचो धन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन वृन्दावन सकल प्रेम कौ रासि नाम जपत भोग अविद्या विनासी सकल ताप नासै रसभूमि करै सबहि पतितन कौ पावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन करें खेल नित नागरी नागर वृन्दावन सकल रसन कौ सागर नाम लेत झरै नैना पुलकित होय सकल तन मन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन भज भज रसना विपिन कौ नाम नाम वृन्दाविपिन होय पूर्ण काम सुर मुनि दुर्लभ रसरेणु सीस चढ़ा नित्य कर वन्दन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन वृन्दावन रसिकन कौ धाम गावैं क्षण क्षण श्यामाश्याम नाचै गावैं युगल रिझावैं युगल नाम कौ करैं कीर्तन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन